उत्तर प्रदेश की भौगोलिक संरचना एवं जलवायु | Geographical Structure and Climate of Uttar Pradesh

 उत्तर प्रदेश की भौगोलिक संरचना एवं जलवायु | Geographical Structure and Climate of Uttar Pradesh

 
उत्तर प्रदेश की भौगोलिक संरचना एवं जलवायु | Geographical Structure and Climate of Uttar Pradesh

नमस्कार दोस्तों, Exams Tips Hindi एजुकेशनल वेबसाइट में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में उत्तर प्रदेश की भौगोलिक संरचना एवं जलवायु से संबंधित जानकारी (Geographical Structure and Climate of Uttar Pradesh) दी गई है। जैसा कि हम जानते है, उत्तर प्रदेश, भारत का जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश की प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत ज़्यादा कम्पटीशन रहता है। यह लेख उन आकांक्षीयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो उत्तर प्रदेश सिविल सर्विस (UPPSC), UPSSSC, विद्युत विभाग, पुलिस, टीचर,सिंचाई विभाग, लेखपाल, BDO इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है। तो आइए जानते है उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश की भौतिक संरचना और जलवायु से संबंधित जानकारी-

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उत्तर प्रदेश की भौगोलिक संरचना एवं जलवायु | Geographical Structure and Climate of Uttar Pradesh

➤ प्रदेश का कुल क्षेत्रफल : 2,40,028 वर्ग किमी (भारत का 7.33%)

➤ ग्लोब पर स्थिति : 23°.52' से 30°.24' उत्तरी अक्षांश तथा 77°05' से 84°.38' पूर्वी देशान्तर के मध्य अक्षांशीय विस्तार (उ.प्र.) : 6°32'

➤ देशांतरीय विस्तार (पू.प.) : 7°33'

➤ पूर्व से पश्चिम की लंबाई : 650 किमी

➤ दक्षिण से उत्तर की चौड़ाई : 240 किमी

➤ प्रदेश का कुल क्षेत्रफल का नगरीय क्षेत्र : 2.70% (6,558 वर्ग किमी.)

➤ क्षेत्रफल की दृष्टि से देश में स्थान : 4वां (राजस्थान, म.प्र. व महाराष्ट्र के बाद)

➤ सर्वाधिक क्षेत्रफल वाले 5 जिले घटते क्रम से : लखीमपुर खीरी, सोनभद्र, हरदोई, सीतापुर, इलाहाबाद

सबसे कम क्षेत्रफल वाले 5 जिले बढ़ते हुए क्रम से : हापुड़, भदोही, शामली, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर


उत्तर प्रदेश का भौतिक विभाजन

➤ उत्तराखंड के गठन से पूर्व राज्य के तीन भू-भाग थे- पर्वतीय क्षेत्र, मैदानी क्षेत्र और दक्षिण का पठारी क्षेत्र।


उत्तराखंड के गठन के बाद पूरा पर्वतीय क्षेत्र, उत्तर प्रदेश से अलग हो गया और अब इस पर्वतीय क्षेत्र से लगा हुआ भाबर-तराई क्षेत्र ही उत्तर प्रदेश में बचा हुआ है।

➤ उ.प्र. को वर्तमान में मुख्यतः तीन प्राकृतिक प्रदेशों में विभाजित किया गया है- (1) भाबर एवं तराई का प्रदेश (2) गंगा-यमुना का मैदान एवं (3) दक्षिण का पठारी प्रदेश।


भाबर एवं तराई प्रदेश

➤ पश्चिम में सहारनपुर से लेकर पूर्व में देवरिया एवं कुशीनगर (पडरौना) तक एक पतली सी पट्टी भाबर और तराई कहलाती है।

➤ भाबर क्षेत्र वह पर्वतीय भूभाग है जो कंकड़-पत्थरों से निर्मित है।

➤ इस क्षेत्र का विस्तार उत्तर प्रदेश के बिजनौर, सहारनपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर एवं लखीमपुर खीरी जिलों में है।

➤ पश्चिम में यह क्षेत्र 34 किमी. चौड़ा है परंतु पूर्व की ओर बढ़ने के साथ यह संकरा होता जाता है। भाबर क्षेत्र में नदियां लुप्त हो जाती हैं जो

➤ तराई क्षेत्र में फिर से प्रकट हो जाती है। भाबर क्षेत्र में जलोढ़ पंख और जलोढ़ शंकु जैसी नदी से निर्मित स्थलाकृतियां बनती हैं।

➤ तराई क्षेत्र भाबर के दक्षिण में दलदली एंव गाद मिट्टी वाला क्षेत्र है।

➤ तराई क्षेत्र के अंतर्गत सहारनपुर, बिजनौर, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, गोंडा, बस्ती, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर जिलों के भाग आते हैं।

➤ तराई क्षेत्र में गन्ना, गेहूं और धान की फसलें रिकॉर्ड पैदावार दे रही है। अनेक जगहों पर जूट की भी अच्छी खेती हो रही है।

➤ भाबर क्षेत्र और दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्र की छोड़कर पूरा प्रदेश नदियों द्वारा बाढ़ के दौरान लाई गई कांप मृदा से बना है।

➤ प्रदेश में ऊंचाई वाले भागों में मिलने वाली प्राचीनतम जलोढ़ मिट्टी को 'राढ़' नाम से जाना जाता है।

गंगा-यमुना के मैदानी प्रदेश

इसको तीन उप-विभागों में बांटा गया है-


(i) गंगा-यमुना के ऊपरी मैदानः इसका विस्तार लगभग 500 किमी. लंबी एवं 80 किमी. चौड़ी पट्टी के रूप में है।


(ii) गंगा-यमुना का मध्य मैदानी प्रदेशः इसका विस्तार उ.प्र. सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, मैनपुरी, एटा, बदायूं, मुरादाबाद तथा बरेली जिलों में है।


(iii) गंगा का पूर्वी मैदानः इसका विस्तार उ.प्र. के वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, बलिया, मिर्जापुर, सोनभद्र एवं संत रविदास नगर में है।

➤ इस विस्तृत मैदानी प्रदेश का ढाल पश्चिमांचल में उत्तर से दक्षिण की ओर तथा पूर्वांचल में पश्चिमोत्तर से दक्षिण-पूर्व की ओर है। 

➤ गंगा-यमुना के मैदान का निर्माण कॉप मिट्टी से हुआ है।

➤ गंगा-यमुना के विस्तृत मैदानी प्रदेश की समुद्र तल से औसत ऊंचाई 300 मी. है। इस विस्तृत मैदानी प्रदेश का निर्माण अभिनूतन एवं अतिनूतन युग में नदी घाटी में अवसादीकरण से हुआ है।


दक्षिण का पठारी प्रदेश

➤ यह क्षेत्र दक्कन के पठार का ही प्रसरण है तथा इस भू-भाग की उत्तरी सीमा यमुना तथा गंगा नदी द्वारा निर्धारित है तथा दक्षिणी सीमा) विंध्य पर्वत द्वारा निर्धारित होती है। पूर्व में केन नदी तथा पश्चिम में बेतवा तथा पाहुज नदियां इसकी सीमा निर्धारित करती हैं।

➤ उत्तर प्रदेश में दक्षिण पठारी प्रदेश का कुल क्षेत्रफल दक्षिण पठारी प्रदेश के अंतर्गत बुंदेलखंड एवं इसके अंतर्गत झांसी, जालौन, हमीरपुर, महोबा, 45,200 वर्ग कि.मी. है। बघेलखंड के भू-भाग सम्मिलित हैं।

➤ चित्रकूट, ललितपुर और बांदा जिले, इलाहाबाद जिले की मेजा और करछना तहसीलें, गंगा के दक्षिण में पड़ने वाला मिर्जापुर का हिस्सा तथा चंदौली जिले की चकिया तहसील आती है।

➤ इस पठारी क्षेत्र की सामान्य ऊंचाई 300 मीटर के आसपास है तथा कुछ स्थानों पर यह ऊंचाई 450 मीटर से भी अधिक है मिर्जापुर, सोनभद्र जिले के कुछ स्थानों पर कैमूर और सोनाकर की पहाड़ियां लगभग 600 मीटर तक ऊंची हैं।

➤ बुंदेलखंड का निर्माण उत्तर प्रदेश के दक्षिणी उच्च प्रदेश में विंध्य काल की प्राचीनतम नीस चट्टानों द्वारा तथा निम्न प्रदेशों में नदियों द्वारा निक्षेपित मिट्टी से हुआ है।

➤ बुंदेलखंड के पश्चिमी भाग में काली मृदा (रेगुर) का विस्तार है जो मालवा पठार का ही विस्तार है।

➤ कैमूर श्रृंखला बुंदेलखंड से लगी हुई है। इसकी रचना विंध्य शैलों से हुई है।

➤ दक्षिण पठारी प्रदेश की प्रमुख नदियां चंबल, बेतवा, केन, सोन एवं टॉस हैं।

➤ कम वर्षा के कारण इस पठारी क्षेत्र में वृक्ष-वनस्पतियां छोटी होती हैं। यहां की मुख्य फसलें ज्वार, तिलहन, चना और गेहूं हैं।

➤ बुंदेलखंड में 'च्लास' नामक घास बहुतायत पायी जाती है।

➤ बघेलखंड क्षेत्र में शंक्वाकार टीले बहुतायत से मिलते हैं।

➤ बघेलखंड क्षेत्र की प्रमुख नदी सोन नदी है।

➤ बघेलखंड के उत्तर एवं दक्षिण में क्रमशः सोनपर एवं रामगढ़ की पहाड़ियां अवस्थित हैं। 

➤ दक्षिण पठारी प्रदेश का ढाल दक्षिण से उत्तर की ओर है।

उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले, प्रदेश व देश

➤ उत्तर प्रदेश का सबसे पूर्वी और पश्चिमी जिला : बलिया तथा शामली

➤ उत्तर प्रदेश का सबसे उत्तरी और दक्षिण जिला: सहारनपुर तथा सोनभद्र

➤ नेपाल से सटे 7 जिले- महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर और पीलीभीत।


प्रदेश की नेपाल सीमा लंबाई : लगभग 579 किमी


➤ प्रदेश से सटे राज्यों की संख्या : 9 (8 राज्य व 1 केंद्रशासित प्रदेश)

➤ उत्तराखंड से सटे 6 जिले- सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली और पीलीभीत

➤ हरियाणा से सटे 6 जिले : सहारनपुर, शामली, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़ और मथुरा।

➤ दिल्ली से सटे 2 जिले : गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर

➤ हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच सीमा निर्धारक नदी : यमुना

➤ राजस्थान से सटे 2 जिले : आगरा वं मथुरा 

➤ मध्य प्रदेश से सटे 11 जिले : आगरा, इटावा, जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, इलाहाबाद, मिर्जापुर और सोनभद्र।

➤ बिहार से 7 सटे जिले क्रमशः (दक्षिण से उत्तर) सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, (पडरौना) और महाराजगंज।

➤ छत्तीसगढ़ से सटे जिले : केवल सोनभद्र झारखंड से सटे जिले केवल सोनभद्र

➤ सोनभद्र से सटे राज्यों की संख्या : 1 (म.प्र., छत्तीसगढ़, झारखंड तथा बिहार)

➤ सहारनपुर से सटे राज्यों की संख्या : 3 (हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड)

➤ उ.प्र. से लगे सर्वाधिक व सबसे कम सीमा रेखा वाले राज्य : म.प्र. व हिमाचल प्रदेश

➤ तीन तरफ से म.प्र. से घिरा उ.प्र. का जिला: ललितपुर

➤ उत्तर प्रदेश के सबसे दक्षिणी बिन्दु (सोनभद्र) को स्पर्श करने वाला राज्य : छत्तीसगढ़

➤ उत्तर प्रदेश के सबसे उत्तर-पश्चिमी बिन्दु (सहारनपुर) को स्पर्श करने वाला राज्य : हिमाचल प्रदेश

➤ प्रदेश के सबसे पूर्वी (बलिया) और सबसे पश्चिमी (शामली) बिन्दु को स्पर्श करने वाले राज्य बिहार और हरियाणा


उत्तर प्रदेश की जलवायु

➤ उत्तर प्रदेश की जलवायु मुख्य रूप से उष्ण प्रधान, शीतोष्ण कटिबंधीय एवं मानसूनी है फिर भी धरातलीय विषमताओं और समुद्र तल से विभिन्न स्थानों के भिन्न-भिन्न होने के कारण यहां की जलवायु में विषमता मिलती है। प्रदेश में वर्ष भर में तीन ऋतुएँ (ग्रीष्म, वर्षा व शीत ऋतु) घटित होती हैं।

ग्रीष्म ऋतु

➤ उत्तर प्रदेश में मार्च से जून तक ग्रीष्म ऋतु रहती है।

➤ उत्तर प्रदेश का सबसे गर्म महीना जून है।

➤ ग्रीष्म ऋतु में प्रदेश के उत्तरी भाग से दक्षिणी भाग तथा पूर्वी भाग से पश्चिमी भाग की ओर बढ़ने पर तापमान क्रमशः बढ़ता है। 

➤ ग्रीष्म ऋतु में सर्वाधिक औसत तापमान आगरा सहित बुंदेलखंड क्षेत्र का रहता है।

➤ 1987 में बांदा का तापमान 49 रिकार्ड किया गया था।

➤ ग्रीष्म ऋतु में प्रदेश के दक्षिणी भाग (बुंदेलखण्ड) में अधिक तापमान होने का कारण कर्क रेखा का नजदीक होना हैं।


वर्षा ऋतु


➤ प्रदेश में जुलाई से अक्टूबर तक वर्षा ऋतु रहती है।

➤ प्रदेश में बंगाल की खाड़ी के मानसून को पूर्वा नाम से जाना जाता

➤ प्रदेश में होने वाली सम्पूर्ण वर्षा का 75 से 85% भाग पूर्वा (दक्षिण-पश्चिम मानसून) से होता है।

➤ सर्वाधिक और सबसे कम वर्षा वाले जिले गोरखपुर (84.7 सेमी.), मथुरा (54.4 सेमी.) है।

➤ उत्तर प्रदेश में पूरब से पश्चिम व उत्तर से दक्षिण चलने पर वर्षा की मात्रा क्रमशः घटती है।

➤ उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा वाला महीना जुलाई है।

➤ पूर्वी उ.प्र. में वर्षा की सम्भावित अवधि 56 दिन है, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मात्र 32 दिन प्रदेश के विभिन्न भागों की औसत वार्षिक वर्षा तराई क्षेत्र में 150 सेमी. तथा पूर्वी मैदानी क्षेत्र में 12 सेमी होती है।

➤ मध्यवर्ती मैदानी क्षेत्र में 94 सेमी, पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में 84 सेमी, दक्षिणी पहाड़ी पठारी क्षेत्र में 9 सेमी वर्षा होती है जबकि उत्तर प्रदेश में होने वाली औसत वर्षा 95 सेमी है।


शीत ऋत


➤ प्रदेश में नवंबर से फरवरी तक शीत ऋतु रहती है।

➤ प्रदेश का सबसे ठंडा महीना जनवरी है।

➤ शीत ऋतु में प्रदेश में उत्तर से दक्षिण बढ़ने पर तापमान क्रमशः बढ़ता है।


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